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बुनियादी संरचना को दुरुस्त करने से ही मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

MUSABANI : मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (BRC) में चल रहे शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को उपायुक्त कर्ण, सत्यार्थी ने संबोधित किया। क्षेत्र निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त मुसाबनी प्रखंड में थे। उन्होने बीआरसी को शिक्षा व्यवस्था की बुनियादी संरचना का महत्वपूर्ण आधार बताते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की शुरुआत प्रशिक्षित, सजग और नवाचार और तकनीकपूर्ण शिक्षकों से होती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि बीआरसी न केवल प्रशासनिक इकाई है, बल्कि यह विद्यालयों की शैक्षणिक प्रगति, शिक्षक क्षमता-विकास और सतत् मॉनिटरिंग का केंद्र है। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि हर शिक्षक में अद्यतन विषय-ज्ञान, नवाचार-आधारित शिक्षण और सतत् सुधार की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है। कक्षा-कक्ष शिक्षण में नवीन पद्धतियों का समावेशन, विशेषकर फाउंडेशनल लर्निंग, न्यूमेरसी, लर्निंग आउटकम-आधारित शिक्षण और गतिविधि-आधारित शिक्षा को स्कूलों में प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए। स्कूलों की शैक्षणिक प्रगति का नियमित मूल्यांकन, उपस्थिति, सीखने के स्तर और मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बीआरसी टीम और प्रशिक्षण दे रहे मास्टर ट्रेनर्स को निर्देश दिया कि प्रशिक्षण को परिणाम-आधारित बनाया जाए । केवल सत्र आयोजित करना पर्याप्त नहीं है, प्रशिक्षण का असर कक्षा-कक्ष में व्यवहार और सीखने के स्तर पर दिखना चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद निरंतर मार्गदर्शन एवं सहायता सुनिश्चित की जाए ताकि वे वास्तविक परिस्थितियों में नई विधियों को अपनाने में सहज हो सकें। कमजोर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों पर विशेष ध्यान दें। बीआरसी द्वारा ऐसे विद्यालयों की पहचान कर त्वरित सुधार योजना तैयार करने को कहा गया।  उपायुक्त ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के पहले प्रेरक, पहले मार्गदर्शक और भविष्य निर्माण के मूल कड़ी शिक्षक हैं। जिले में शिक्षा गुणवत्ता सुधार तभी संभव है जब शिक्षक स्वयं को निरंतर अद्यतन करें और हर बच्चे तक सीखने के अवसर समान रूप से पहुंचाएं। विद्यालयों में सीखने का वातावरण बेहतर हो । प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे ।  

18 घंटे Ago
स्टेट हैंडलूम एक्सपो में पारंपरिक हुनर का अद्भुत संगम, 125 स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र

JAMSHEDPUR : बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में झारक्राफ्ट द्वारा आयोजित स्टेट हैंडलूम एक्सपो–2025 में प्रदेशभर के बुनकरों, कारीगरों और हस्तशिल्प इकाइयों ने अपनी अनूठी कला का प्रदर्शन किया है। 1 से 14 दिसंबर तक आयोजित इस एक्सपो में विभिन्न हैंडलूम उत्पादों के बीच S.K. Handloom Jharkhand (Stall 125) विशेष आकर्षण बना हुआ है। S.K. Handloom Jharkhand द्वारा प्रदर्शित उत्पाद झारखंड के पारंपरिक बुनाई कौशल और कारीगरों की सूक्ष्म कलात्मकता को दर्शाते हैं। इचाक, हजारीबाग के बुनकरों द्वारा तैयार किए गए हैंडलूम वस्त्र न केवल स्थानीय विरासत को जीवंत रखते हैं, बल्कि ग्रामीण कारीगरों की आजीविका को भी मजबूती प्रदान करते हैं। विशेष आकर्षण ₹600 से ₹5,000 तक की विस्तृत रेंज में उपलब्ध उत्पाद पारंपरिक और आधुनिक डिजाइन का सुंदर मिश्रण झारखंडी बुनाई शैली की असल प्रतिबिंबित हस्तकृतियाँ कारीगरों द्वारा तैयार शुद्ध, टिकाऊ और हस्तनिर्मित कपड़े महिलाओं और ग्रामीण कारीगरों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली पहल डिजिटल भुगतान सुविधा से लैस स्टॉल, जिससे खरीदारी और भी आसान स्टॉल 125 पर बड़ी संख्या में आगंतुक पहुँच कर हैंडलूम उत्पादों को सराह रहे हैं। स्थानीय निवासियों और आगंतुकों ने झारखंडी कारीगरी की विशिष्ट सुंदरता और गुणवत्ता की सराहना करते हुए इसे पारंपरिक विरासत को संरक्षित रखने का महत्वपूर्ण प्रयास बताया।झारक्राफ्ट द्वारा बताया गया कि एक्सपो का उद्देश्य कारीगरों को प्रत्यक्ष बाजार उपलब्ध कराना, उनके उत्पादों का प्रचार करना तथा उपभोक्ताओं को राज्य के समृद्ध हैंडलूम और हस्तशिल्प से जोड़ना है।

18 घंटे Ago
78 महिलाओं को डिजिटल क्यूआर कोड दिया गया

EAST SINGHBHUM : उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल पर महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में मुसाबनी प्रखंड के गोहला पंचायत में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) से जुड़ी 78 महिला सदस्यों को डिजिटल क्यूआर कोड उपलब्ध कराया गया । एफपीओ में कुल 300 महिलाएं सदस्य हैं, जिनमें प्रथम चरण में 78 महिला उद्यमियों को क्यूआर कोड वितरित किए गए । क्यूआर कोड उपलब्ध कराए जाने का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उत्पाद बेचने की प्रक्रिया को अधिक सरल और डिजिटल बनाना है ताकि महिला उद्यमी सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ सकें और अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त कर सकें। *300 एकड़ क्षेत्र में होती है कॉमर्शियल खेती* गोहला पंचायत स्थित एफपीओ द्वारा लगभग 300 एकड़ भूमि पर व्यावसायिक खेती की जा रही है जिनमें सब्जियां और दलहन की खेती प्रमुख है। 300 एकड़ में गोभी, शिमला मिर्च, बिंस, गाजर, मूली, मटर समेत अरहर, मूंग सहित अन्य दालें और अन्य स्थानीय एवं मौसमी फसलें उत्पादित की जा रही हैं। इस उत्पादन व्यवस्था में महिला किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो खेत प्रबंधन, प्रोसेसिंग तथा विपणन गतिविधियों को दक्षता से संचालित कर रही हैं । गोहला पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने महिला उद्यमियों की प्रगति की सराहना की तथा अन्य जरूरी सहयोग प्रदान करने को लेकर भी आश्वस्त किया । उपायुक्त ने संबंधित विभागों को एफपीओ क्षेत्र में दाल मिल स्थापित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। दाल मिल की स्थापना से न केवल दलहन उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि स्थानीय महिलाओं के लिए प्रोसेसिंग, पैकिंग और विपणन के नए रोजगार अवसर भी सृजित होंगे। वहीं, उपायुक्त द्वारा 30 मीट्रिक टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज को ग्राम संगठन को हस्तांरित करने की बात कही गई ताकि संगठन द्वारा इसका समुचित उपयोग कर किसानों को बेहतर भंडारण सुविधा प्रदान की जा सके। इससे सब्जियों एवं अन्य उत्पादों का बेहतर रखरखाव सुनिश्चित किया जा सकेगा जिससे किसानों की आय में वृद्दि होगी।  *महिला उद्यमियों को डिजिटल, बाज़ार और वित्तीय कौशल से जोड़ने की रणनीति* जिला प्रशासन की ओर से महिला किसानों और उद्यमियों को डिजिटल पेमेंट एवं ई–मार्केटिंग, उत्पादों की ब्रांडिंग व पैकेजिंग, मूल्य संवर्धन (Value Addition), वित्तीय साक्षरता एवं उद्यम प्रबंधन से संबंधित जरूरी मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराने पर भी चर्चा की गई।  उपायुक्त ने कहा कि एफपीओ और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं सशक्त हो रही हैं और जिला प्रशासन की ओर से हर संभव तकनीकी एवं बाजार आधारित सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने इसे ग्राम स्तर पर उद्यमिता विकास (Village Level Entrepreneurship) की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। उपायुक्त ने विश्वास व्यक्त किया कि गोहला पंचायत में चल रही कृषि आधारित पहलों से न केवल स्थानीय आजीविका मजबूत होगी बल्कि महिला स्वावलंबन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी ।

एक दिन Ago
जमशेदपुर में सिकल सेल एनीमिया लैब का उद्घाटन किया

HEALTH : पूर्वी सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल, खासमहल में आज सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग के लिए एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया। यह कदम सिकल सेल एनीमिया की शुरुआती पहचान और निदान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अवसर पर  डॉ. इरफ़ान अंसारी, माननीय मंत्री, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग; खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग; तथा आपदा प्रबंधन विभाग, झारखंड सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अन्य विशिष्ट अतिथियों में संजीव सरदार, विधायक पूर्णिमा साहू, अजय कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार; शशि प्रकाश झा, आईएएस, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड; कर्ण सत्यार्थी, आईएएस, उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम; डॉ. साहिर पाल, जेएचएस, सिविल सर्जन-सह-प्रधान चिकित्सा अधिकारी, पूर्वी सिंहभूम; अजय कुमार सिन्हा, एसीएमओ, पूर्वी सिंहभूम; डीबी. सुंदर रामम, निदेशक, टाटा स्टील फाउंडेशन; तथा सौरव रॉय, चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, टाटा स्टील फाउंडेशन। नव उद्घाटित प्रयोगशाला आईसीएमआर द्वारा स्वीकृत डीबीएस - पीसीआर (ड्राय ब्लड स्पॉट–पीसीआर) तकनीक पर आधारित है, जिसे सीएसआईआर - सीसीएमबी द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रयोगशाला पूर्वी सिंहभूम जिले से आने वाले नमूनों के लिए एक केंद्रीकृत प्रोसेसिंग हब के रूप में कार्य करेगी, जिससे सिकल सेल एनीमिया की तेज़, सटीक और सुलभ स्क्रीनिंग सेवाएँ उपलब्ध होंगी। यह अत्याधुनिक सुविधा विशेष रूप से उन दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी जहाँ निदान सुविधाएँ सीमित हैं। यह लैब समय पर पहचान और उपचार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन के निदेशक डी. बी. सुंदरा रामम ने कहा: “सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग लैब यह दर्शाती है कि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के कठिन समय में उनके साथ खड़े रहने के प्रति फाउंडेशन कितना प्रतिबद्ध है। इस स्वास्थ्य समस्या की हमारी समझ और इसकी शुरुआती पहचान की आवश्यकता, झारखंड और ओडिशा में मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए बनाए गए राष्ट्रीय मॉडल ‘मानसी’ पर हमारे वर्षों के अथक कार्य से विकसित हुई है। हम झारखंड सरकार और सीएसआईआर - सीसीएमबी के आभारी हैं कि उन्होंने स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के समाधान में हम पर विश्वास जताया है, खासकर उन इलाकों में जहाँ हम कार्य करते हैं। टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा 4.25 करोड़ रुपये के निवेश से सशक्त इस परियोजना का लक्ष्य दो वर्षों की अवधि में 2,00,000 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करना है, जिसमें आदिवासी समुदायों और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (2023–2047) के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसका मुख्य फोकस शुरुआती पहचान, जागरूकता और परामर्श के माध्यम से इस बीमारी के आनुवंशिक प्रसार को कम करना है। परियोजना के तहत समुदाय-आधारित सैंपल संग्रहण फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें फाउंडेशन की फील्ड टीमों का सहयोग रहेगा। सभी परीक्षण परिणाम राष्ट्रीय सिकल सेल ऐप पर डिजिटल रूप से एकीकृत किए जाएंगे, जिसमें आभा आईडी या मोबाइल नंबर का उपयोग किया जाएगा।

2 दिन Ago
राज्य समाचार
बुनियादी संरचना को दुरुस्त करने से ही मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

MUSABANI : मुसाबनी प्रखंड मुख्यालय स्थित ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (BRC) में चल रहे शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को उपायुक्त कर्ण, सत्यार्थी ने संबोधित किया। क्षेत्र निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त मुसाबनी प्रखंड में थे। उन्होने बीआरसी को शिक्षा व्यवस्था की बुनियादी संरचना का महत्वपूर्ण आधार बताते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की शुरुआत प्रशिक्षित, सजग और नवाचार और तकनीकपूर्ण शिक्षकों से होती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि बीआरसी न केवल प्रशासनिक इकाई है, बल्कि यह विद्यालयों की शैक्षणिक प्रगति, शिक्षक क्षमता-विकास और सतत् मॉनिटरिंग का केंद्र है। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि हर शिक्षक में अद्यतन विषय-ज्ञान, नवाचार-आधारित शिक्षण और सतत् सुधार की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है। कक्षा-कक्ष शिक्षण में नवीन पद्धतियों का समावेशन, विशेषकर फाउंडेशनल लर्निंग, न्यूमेरसी, लर्निंग आउटकम-आधारित शिक्षण और गतिविधि-आधारित शिक्षा को स्कूलों में प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए। स्कूलों की शैक्षणिक प्रगति का नियमित मूल्यांकन, उपस्थिति, सीखने के स्तर और मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने बीआरसी टीम और प्रशिक्षण दे रहे मास्टर ट्रेनर्स को निर्देश दिया कि प्रशिक्षण को परिणाम-आधारित बनाया जाए । केवल सत्र आयोजित करना पर्याप्त नहीं है, प्रशिक्षण का असर कक्षा-कक्ष में व्यवहार और सीखने के स्तर पर दिखना चाहिए। शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद निरंतर मार्गदर्शन एवं सहायता सुनिश्चित की जाए ताकि वे वास्तविक परिस्थितियों में नई विधियों को अपनाने में सहज हो सकें। कमजोर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों पर विशेष ध्यान दें। बीआरसी द्वारा ऐसे विद्यालयों की पहचान कर त्वरित सुधार योजना तैयार करने को कहा गया।  उपायुक्त ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के पहले प्रेरक, पहले मार्गदर्शक और भविष्य निर्माण के मूल कड़ी शिक्षक हैं। जिले में शिक्षा गुणवत्ता सुधार तभी संभव है जब शिक्षक स्वयं को निरंतर अद्यतन करें और हर बच्चे तक सीखने के अवसर समान रूप से पहुंचाएं। विद्यालयों में सीखने का वातावरण बेहतर हो । प्रत्येक बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे ।  

Khoboriya दिसम्बर 5, 2025 0
उपायुक्त ने जन शिकायतों को सुना व समाधान निकालने का आश्वासन दिया

JAMSHEDPUR:समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित जन शिकायत निवारण दिवस के दौरान उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने विभिन्न प्रखंडों एवं शहरी क्षेत्रों से पहुँचे नागरिकों से मुलाकात की। इस क्रम में उन्होंने आम जनता द्वारा प्रस्तुत शिकायतों और सुझावों को विस्तार से सुना। जन सुनवाई के दौरान पेंशन, आर्थिक सहयोग, दुकान आवंटन, लंबित वेतन भुगतान, घरेलू विवाद, भूमि–विवाद, चिकित्सा सहायता, अवैध जमाबंदी रद्द करने, आधार सीडिंग, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, स्थानांतरण, नाली निर्माण, म्यूटेशन, ऋण माफी और सड़क निर्माण से जुड़ी कई समस्याएँ लोगों ने रखीं। उपायुक्त ने सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई हेतु निर्देशित किया।   समयबद्ध कार्रवाई को कहा अनिवार्य, विभागों को निर्देश उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जन सुनवाई के दौरान प्राप्त सभी आवेदनों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले के समाधान में अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए। जन शिकायत निवारण दिवस का उद्देश्य जनता की समस्याओं को सीधे सुनकर उनका त्वरित समाधान करना है। उपायुक्त ने विभागों को नियमित मॉनिटरिंग करने और लंबित मामलों की समीक्षा जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन जनहित से जुड़े प्रत्येक मुद्दे को प्राथमिकता दे रहा है तथा जनता की समस्याओं के समाधान में पूरी गंभीरता से कार्य किया जाएगा।

बिष्टुपुर गोपाल मैदान में कुड़मी अधिकार महारैली सह बांदना पर्व का हुआ आयोजन

जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में रविवार को कुड़मी सेना सह वृहद झारखंड कुड़मी समन्वय समिति की ओर से कुड़मी अधिकार महारैली सह बांदना पर्व का आयोजन किया गया. इसमें कोल्हान के विभिन्न क्षेत्रों से समाज के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. मौके पर कोल्हान के कुड़मियों ने अपने हक व अधिकार के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने व अधिकार के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया. वृहद झारखंड कुड़मी समन्वय समिति के संयोजक सह झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो ने कहा कि कुड़मी समाज लंबे समय से एसटी की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन करता आ रहा है. इसको लेकर विगत दिनों ‘रेल टेका-डहर छेका’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जो काफी सफल रहा था. लेकिन, वर्तमान समय में कुछ लोग समाज के लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. जो समाज के आगे बढ़ने की राह में बाधक हैं. सामाजिक लड़ाई को अवरुद्ध करना उचित नहीं है. श्री महतो ने कहा कि कुड़मी को एसटी की सूची में शामिल करने, कुड़माली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन जारी रहेगा. जबतक सरकार द्वारा मांग को पूरा नहीं किया जाता है, झारखंड ही नहीं ओडिशा, बंगाल आदि राज्यों में मुखर होकर आवाज को उठाते रहेंगे. इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विशाल महतो, महिला प्रदेश अध्यक्ष पिंकी महतो, अरविंद महतो, सूरज महतो, कार्तिक महतो, पिंकी महतो, उज्ज्वल महतो, प्रेम महतो, बिष्णु देव महतो, पोबीर महतो, नीलांबर महतो, कृपा महतो समेत अन्य मौजूद थे.   साजाजिक मुद्दे पर एकजुट हो कुड़मी समाज  वृहद झारखंड कुड़मी समन्वय समिति के सह संयोजक सह कुड़मी सेना के अध्यक्ष शैलेंद्र महतो ने कहा कि सामाजिक मुद्दे पर समाज को राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर समर्थन करना होगा. समाज को सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक व शैक्षणिक रूप से समृद्ध व विकसित बनाना किसी एक व्यक्ति या समूह से संभव नहीं है. इसके लिए समाज के सभी लोगों को एक मंच पर आना होगा. कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने, कुड़माली भाषा को संवैधानिक मान्यता देने जैसी मांगों को लेकर लगातार विभिन्न मंच व मोर्चों के बैनर तले आंदोलन करना होगा. आज नहीं, तो कल समाज की जीत होनी तय है.   मवेशियों का किया उत्साहवर्धन  गोपाल मैदान में बांदना पर्व का आयोजन कर सामाजिक व सांस्कृतिक एकता को प्रदर्शित किया गया. पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन पर मवेशियों का उत्साहवर्धन किया गया. वहीं कलाकारों ने अपने गीत-संगीत से समाज के लोगों को झुमाया. कुड़मी समाज के लोग परंपरागत वेशभूषा, वाद्य यंत्र और औजार के साथ इसमें शामिल हुए.

राष्ट्र स्तरीय सम्मेलन में बघुरिया संकुल संगठन, घाटशिला को मिला सर्वश्रेष्ठ मॉडल सीएलएफ श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार

डॉ. एमसीआर एचआरडीआई, हैदराबाद में 20–21 नवंबर 2025 को एसएचजी फेडरेशन एवं एफपीओ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर बघुरिया संकुल संगठन, घाटशिला को भारत के पूर्वी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ मॉडल सीएलएफ श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ । इस मौके पर पूर्वी सिंहभूम के डीपीएम श्री सुजीत बारी तथा बागुरिया सीएलएफ की महिला सदस्यों ने यह सम्मान मुख्य अतिथि सुश्री शांति कुमारी, आईएएस (सेवानिवृत्त), वीसी एवं डीजी, एमसीआरएचआरडीयू से ग्रहण किया।   इस सम्मेलन में 17 राज्यों ने भाग लिया, जिनमें से 13 एसएचजी फेडरेशनों का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन किया गया। भारत के पूर्वी क्षेत्र (ईस्टर्न ज़ोन) में बघुरिया सीएलएफ द्वितीय स्थान पर रहा। पुरस्कार राशि के रूप में घाटशिला (बघुरिया संकुल संगठन ) को ₹20,000 प्रदान किए गए।   सम्मेलन का उद्देश्य यह रेखांकित करना था कि एसएचजी फेडरेशन अब वित्तीय सेवाओं से आगे बढ़कर सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन के मजबूत माध्यम बन रहे हैं। फेडरेशन कमजोर वर्गों को जोड़ने, स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता संबंधी जागरूकता बढ़ाने तथा व्यवहार परिवर्तन हेतु अंतिम छोर के विश्वसनीय मंच के रूप में कार्य कर रहे हैं। साथ ही, उद्यम प्रोत्साहन, मूल्य श्रृंखला विकास तथा उत्पादों के सामूहिक संकलन के माध्यम से वे महिलाओं को टिकाऊ आजीविका और बाज़ार से सीधे जुड़ाव की दिशा में सक्षम बना रहे हैं । इस सम्मेलन में श्री सुजीत बारी ने गरीबी से आर्थिक स्वतंत्रता तक पहुंचाने में उद्यम प्रोत्साहन एवं मूल्य श्रृंखला विकास में फेडरेशनों की भूमिका पर अपने विचार साझा किए ।

बिष्टुपुर गोपाल मैदान में कुड़मी अधिकार महारैली सह बांदना पर्व आज

जमशेदपुर: बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में रविवार को कुड़मी अधिकार महारैली सह बांदना पर्व मनाया जायेगा. इसमें कोल्हान के कुड़मी समाज के लोग अपने हक व अधिकार के लिए हुंकार भरेंगे. वहीं बांदना पर्व का आयोजन कर सामाजिक व सांस्कृतिक एकता को प्रदर्शित करेंगे. पारंपरिक वादय यंत्रों की थाप से गोपाल मैदान में मवेशियों का उत्साहवर्धन भी किया जायेगा. शनिवार की शाम को कुड़मी सेना सह बृहद झारखंड कुड़मी समन्वय समिति के संयोजक झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो और सह संयोजक सह कुड़मी सेना के अध्यक्ष शैलेंद्र महतो ने गोपाल मैदान का दौरा कर कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने अपने संयुक्त बयान ने कि रविवार को बिष्टुपुर मैदान में होने वाली महारैली ऐतिहासिक होगी. इसमें हजारों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग परंपरागत वेशभूषा, वाद्य यंत्र और परंपरागत औजार के साथ शामिल होंगे. यह महारैली संवैधानिक तरीके से शांतिपूर्वक होगी. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के लोगों को एकजुट करना और अपने अधिकार के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने और कुड़माली भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर किया जा रहा है. इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष विशाल महतो, महिला प्रदेश अध्यक्ष पिंकी महतो, सूरज महतो, कार्तिक महतो, पिंकी महतो, उज्ज्वल महतो, प्रेम महतो, विष्णु देव महतो, नीलांबर महतो, कृपा महतो समेत अन्य मौजूद थे.

राजेश मार्डी की फाईल फोटो
बारीपदा के फिल्म फेस्टिवल में डॉक्यूमेंट्री फिल्म "ट्राइबल ब्लड मैन" को मिली इंट्री 13 और 14 दिसंबर को शहीद स्मृति भवन बारीपदा में होगा फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

जमशेदपुर: अपने जीवन में 79वीं बार रक्तदान करने वाले और रक्तदान को अपना मिशन बनाने वाले जमशेदपुर के ट्राइबल ब्लड मैन के नाम से चर्चित राजेश मार्डी की जीवनी पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का सातवें बारीपदा नेशनल इंडिजीनस शॉट फिल्म फेस्टिवल 2025 में इंट्री मिला. यह फिल्म फेस्टिवल बारीपदा के शहीद स्मृति भवन में 13 व 14 दिसंबर को रंगारंग सतरंगी कार्यक्रम के बीच होगा. ट्राइबल ब्लड मैन राजेश मार्डी के नाम से संताली भाषा में बनी इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को गोमहेड़ ऊमुल प्रोडक्शन के बैनर तले बनाया गया है. इसके निर्माता सुशील मुर्मू व निर्देशिक किरण माझी है. कैमरामैन के रूप में सूरज मुर्मू व उदय हेम्ब्रम, संपादन जयंत बास्के व राजेश टुडू ने किया है. इसमें म्यूजिक जयंत बास्के की है. इस फिल्म फेस्टिवल में झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, दिल्ली, तमिलनाडु, आसाम सहित कई अन्य जगहों की शॉट फिल्म व डॉक्यूमेंट्री फिल्म को शामिल किया गया है. राजेश मार्डी की इस उपलब्धि पर जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी समेत उनके प्रशंसकों व नई जिंदगी परिवार के सभी सदस्यों ने उन्हें बधाई दी है.

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ठंड बढ़ने से झारखंड में मौसम हुआ सर्द

झारखंड के कई जिलों में पिछुआ हवाओं के कारण ठंड में तेज बढ़ोतरी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार, पिछुआ हवाएं उत्तर से उत्तर-पश्चिम दिशा से चल रही हैं, जिनके कारण न्यूनतम तापमान में लगभग चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई है। राजधानी रांची सहित आसपास के क्षेत्रों में सुबह का तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास है, जिससे सुबह के समय काफी ठंडक बढ़ गई है। इस वर्ष सर्दी ने अपनी दस्तक समय से पहले दे दी है, क्योंकि मौसम विभाग ने पहले ही नवंबर के अंत से ठंड बढ़ने की चेतावनी दी थी। रातों में तापमान करीब 9 डिग्री तक गिर जाता है, जिससे पूरे क्षेत्र में ठंड का असर महसूस किया जा रहा है।   राज्य के अधिकांश जिलों में मंगलवार को मौसम साफ और शुष्क रहा और मध्यम तेजी से हवा चली, जिससे ठंडी हवा का अनुभव हुआ। पिछले 24 घंटों में गोड्डा जिले में अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुमला में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। रांची में अधिकतम तापमान 24.6 और न्यूनतम 11.1 डिग्री सेल्सियस रहा। कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को सलाह दी है कि इस ठंड में फसलों की सुरक्षा के लिए सिंचाई का विशेष ख्याल रखा जाए ताकि वे प्रभावित न हों।   मौसम विभाग ने सूचना दी है कि बंगाल की खाड़ी में दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिससे चक्रवात बनने की संभावना है। यह चक्रवात झारखंड सहित आसपास के क्षेत्रों के मौसम पर असर डाल सकता है। इस कारण अगले दो दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है और बारिश या तेज हवाओं के चलते खेल आयोजन प्रभावित हो सकता है।राजधानी रांची सहित अन्य जिलों में पछुआ हवाओं के कारण कनकनी बढ़ गई है, जिससे सुबह और शाम की ठंड अधिक महसूस होती है।

नवम्बर 27, 2025

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